सुविचार Suvichar in marathi खरी कला ही आत्म्याचा अविष्कर असते. जेव्हा पैसा बोलू लागतो तेव्हा सत्य चूप बसते. वारे, लाटा नेहमी शुरांना मदत करतात. खऱ्या मित्राची परीक्षा संकटाच्या वेळी येते. विचार कुठूनही घ्यावेत पण ते घेताना पारखून घ्यावेत. ज्ञानाचे अंतिम लक्ष्य सुंदर चारित्र्य निर्माण होणे हेच असले पाहिजे. मानवी जीवन हे भावी अस्तित्वाच्या आशेने उजळले पाहिजे. अनुभव हाच जीवनाचा खरा शिक्षक आहे. इतिहास अभ्यासत बसण्यापेक्षा इतिहास घडविणे अधिक चांगले. सत्याच्या प्रतिष्ठेसाठी असत्याचा विध्वंस करावा लागतो. जेव्हा अहंकार नष्ट होतो तेव्हाच आत्मा जागृत होतो. असत्याचा विजय झाला तरी तो क्षणभंगुर असतो. खरा आनंद दुसऱ्यांना देण्यात असतो, घेण्यात किंवा मागण्यात नसतो. प्रसन्नता ही आत्म्याची शक्ती आहे. कोणताही भार आनंदाने उचलला की तो हलका होतो. अहंकारी माणसाला दुसऱ्याचा अहंकार सहन होत नाही. आनंदी वृत्ती आणि समाधान ही फार मोठी सौंदर्यवर्धक साधने आहेत. प्रसन्नता सर्व सद्गुणांची जननी आहे, आनंदी मनुष्य दीर्घायुषी असतो. अनेक दुःख समूहांच...
तुळजाभवानी प्राथमिक विद्यामंदिर तुळजापूर इयत्ता : सातवी विषय : इतिहास पाठ 1.इतिहासाची साधने ( स्वाध्याय ) विद्यार्थ्याचे नाव : -----------------------------------हजेरी क्र. निर्मिती : श्री.संसारे एम्.के --------------------------------------------------------------------- प्रश्न 1.खालील प्रश्नांची एका वाक्यात उत्तरे लिहा. 1. भौतिक साधनांची नावे लिहा? -------------------------------------------------------------------- 2.लिखित साधनांची नावे लिहा? --------------------------------------------------------------------- 3.मौखिक साधनांची नावे लिहा? -------------------------------------------------------------------- 4.इतिहास म्हणजे काय? --------------------------------------------------------------------- 5.इतिहासाची साधने कशाला म्हणतात? --------------------------------------------------------------------- 6.ताम्रपट म्हणजे काय? ----------------------------------------...